पढ़ाई में रुचि की कमी स्टूडेंट्स के बीच एक आम समस्या हो सकती है और यह अलग अलग कारकों से प्रभावित हो सकती है
अक्सर स्टूडेंट्स शिकायत करते हैं कि उनका मन पढ़ाई में नहीं लगता. कहते हैं,
‘हम पढ़ने की कोशिश तो बहुत करते हैं पर मन नहीं लगता और पढ़ने बैठते हैं तो मन भटकने लगता है’
सीधे तौर पर यह सब मन का खेल है. अगर आप स्टडी करना चाहते हैं पर किसी कारण आपका ध्यान उसमें नहीं लग रहा है
तो सबसे पहले आपको मन न लगने के कारण का पता लगाना चाहिए. ज्यादातर छात्र पढ़ाई के दौरान ये गलती करते हैं
वो एक साथ सारे विषयों को बिना ब्रेक लिए पढ़ने की कोशिश करते हैं.
जब स्टूडेंट्स वास्तविक दुनिया के एप्लीकेशन्स या जो कुछ वे सीख रहे हैं
उसकी प्रासंगिकता को देखने में असफल होते हैं, तो वे रुचि खो सकते हैं.
उच्च स्तर का शैक्षणिक दबाव और तनाव, चाहे वह माता-पिता, शिक्षकों या साथियों की ओर से हो,
किसी स्टूडेंट की पढ़ाई में रुचि पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है.
अज्ञात या असमर्थित सीखने की चुनौतियां अकादमिक एक्टिविटी में निराशा और अरुचि पैदा कर सकती हैं.
अगर स्टूडेंट्स को इस बात पर कोई अधिकार नहीं है कि वे क्या सीखते हैं या वे इसे कैसे सीखते हैं, तो वे उदासीन महसूस कर सकते हैं.
स्मार्टफोन, सोशल मीडिया और अलग अलग डिस्ट्रेशन के बढ़ने से, स्टूडेंट्स को अपनी पढ़ाई पर फोकस रखना चुनौतीपूर्ण लग सकता है.
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