सेकेंड हैंड कारों का मार्केट नई कारों के मुकाबले कम नहीं है. ये कारें सस्ती भी होती हैं और इनमें कई फायदे होते हैं.

हर कोई चाहता है कि उनके पास अपनी गाड़ी हो. लेकिन कम बजट के चलते नई कार खरीदना काफी मुश्किल हो गया है.

लेकिन नई कार के मुकाबले पुरानी कार खरीदना ज्यादा समझदारी भरा फैसला होता है.

सस्ती कीमत: सेकेंड हैंड कार नई कारों की तुलना में सस्ती होती हैं. कहा जाता है कि शोरूम से बाहर निकलते ही कार की कीमत कम हो जाती है

थोड़ी सी चली हुई एक नई कार काफी कम कीमत में आपको मिल जाती है. यह आपको काफी पैसे बचाता है.

मोडिफिकेशन की सुविधा: सेकेंड हैंड कार को आप अपनी जरूरतों के हिसाब से मोडिफाई कर सकते हैं. आप इसमें वह फीचर भी लगवा सकते हैं जो आपको चाहिए थे.

रोड टैक्स की बचत: नई कार ख़रीदते समय आपको इंश्योरेंस और रोड टैक्स जैसे अन्य खर्चों का सामना करना पड़ता है. लेकिन सेकेंड हैंड कार के साथ यह समस्या नहीं होती है

क्योंकि गाड़ी जो पहले से ही रजिस्टर्ड होती है, उसके साथ इंश्योरेंस और रोड टैक्स जैसे खर्चे नहीं होते हैं.

रीसेल वेल्यू: नई कार की कीमत शोरूम से निकलते ही कम होनी शुरू हो जाती है. लेकिन सेकेंड हैंड कार इस नुकसान से बचती है

अगर आप उसे सही तरीके से इस्तेमाल करते हैं तो गाड़ी का रीसेल वेल्यू ज्यादा गिरने की संभावना नहीं होती है.

तुरंत उपलब्धता: नई कार खरीदने में कई बार लंबी प्रक्रिया होती है जैसे ऑर्डर बुक करना, डिलीवरी का इंतजार करना आदि

लेकिन सेकेंड हैंड कार को आप तुरंत खरीद सकते हैं और उसे तुरंत उपयोग में ला सकते हैं. इससे आपका टाइम भी बचता है.

रानी कार खरीदना ज्यादा समझदारी भरा फैसला होता है.