जिंदगी में कई पड़ाव ऐसे भी आते हैं, जब लोगों को फंड की जरूरत पड़ती है लेकिन लोगों के पास जरूरी फंड नहीं होते

ऐसे में लोगों के पास दो विकल्प रहते हैं. पहला कि या तो वो अपनी एफडी को तुड़वा लें और फंड की जरूरत को पूरा कर लें और दूसरा की वो लोन लें

हालांकि जरूरत के वक्त एफडी तुड़वाना ज्यादा सही है या फिर लोन लेना ज्यादा सही है

इस पर विचार किया जाना चाहिए. जब आपको नकदी की तत्काल आवश्यकता होती है

तो पहला विकल्प जो आपके दिमाग में आता है वह फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) जैसे निवेश को खत्म करना है

लेकिन वर्षों की बचत को तोड़ना हमेशा विवेकपूर्ण विचार नहीं हो सकता है

खासकर तब जब पैसा आकर्षक दर पर लॉक किया गया हो और एफडी तोड़ने के परिणामस्वरूप महत्वपूर्ण नुकसान होने की संभावना हो

इसके बजाय, आप निवेश के बदले लोन ले सकते हैं. वहीं कई बैंक एफडी पर लोन पर उपलब्ध करवाते हैं.

यदि आप समय से पहले अपनी एफडी राशि निकालते हैं, तो आपको कम ब्याज दर मिलेगी.

उदाहरण के लिए, आपने दो साल के लिए 7 प्रतिशत ब्याज दर पर फिक्स्ड डिपॉजिट में 1 लाख रुपये का निवेश किया है

आइए मान लें कि डिपॉजिट बुक करते समय एक साल की एफडी पर ब्याज दर 6.5 प्रतिशत थी

यह तय करते समय कि आपको अपनी एफडी पर लोन लेना चाहिए या एफडी को तोड़ देना चाहिए