बहुत बार बच्चे अपने माता-पिता से बाइक या कार चलाने की जिद करते हैं

जिसे आपको पूरा नहीं करना चाहिए क्योंकि भारत में नाबालिगों को बाइक या कार चलाना गैरकानूनी है

यातायात नियमों के अनुसार, 18 साल से कम उम्र वालों को मोटर वाहन चलाने की अनुमति नहीं है

और ना ही उसका ड्राइविंग लाइसेंस बन सकता है. अगर कोई नाबालिग मोटर वाहन चलाता हुआ पकड़ा जाता है

तो उसके माता-पिता, अभिभावकों या वाहन मालिक पर कार्रवाई हो सकती है, जुर्माना लग सकता है,

जेल हो सकती है और पकड़े गए नाबालिग के ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने पर कुछ अतिरिक्त समय के लिए रोक लग सकती है.

नाबालिगों को मोटर वाहन चलाने से रोकने के कई कारण हैं. सबसे पहला कि नाबालिगों में मोटर वाहन चलाने की क्षमता नहीं होती है

वह अनुभवहीन होते हैं और सड़क पर होने वाली संभावित खतरों को समझने में सक्षम नहीं होते हैं

दूसरे कारण यह कि नाबालिग अक्सर लापरवाह हो जाते हैं और वह नियमों का पालन नहीं करते हैं,

जिससे दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ जाता है, जो गंभीर चोटों या मौत का कारण बन सकती हैं.

नाबालिगों को मोटर वाहन चलाने से रोकना महत्वपूर्ण है. यह नाबालिगों की सुरक्षा के लिए भी आवश्यक है

इससे सड़कों को सुरक्षित बनाने में भी मदद मिलती है. नाबालिगों को मोटर वाहन चलाने से रोकने के लिए सख्त नियम बनाए गए हैं

इससे जुड़े नियमों के तहत नाबालिग के ड्राइविंग करते पकड़े जाने पर अभिभावक/वाहन मालिक को दोषी माना जाएगा.

नियमों के तहत, इसके लिए 25,000 का जुर्माना और साथ ही 3 साल की जेल का भी प्रावधान है

1 साल के लिए वाहन का पंजीकरण भी रद्द किया जा सकता है