चंडीगढ़:- हरियाणा के ग्रामीण इलाकों में अच्छा भैंस और बकरी पालन रोजगार के साथ-साथ किसानों की आय का मुख्य जरिया भी है। बड़ी नाव से खेती कर किसान कमाई करते हैं। जनसंख्या के महत्व को देखते हुए सरकार ग्रामीण इलाकों में मोटरसाइकिल को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं चला रही है, जिसके तहत वैचारिक लोगों के नाम पर जानवरों की पहचान के लिए बड़ी संख्या में समानताएं दी जा रही हैं। ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किये जाते हैं।
इतनी सब्सिडी
नमूना डॉ. प्रदीप कुमार ने कहा कि पोर्टफोलियो को बढ़ावा देने के लिए सरकार की ओर से तरह-तरह की मंजूरी दी जा रही है। सरकार किसानों को अपनी आय बढ़ाने के लिए इन फॉर्मूलों को अपनाने के साथ-साथ इनके जरिए खेती करने का लाइसेंस भी दे रही है। हरियाणा सरकार भैंस और बकरी पालन के लिए विभिन्न रियायती दरों पर रियायतें दे रही है।
इसके तहत मान्यता प्राप्त जाति को 50 फीसदी तक की छूट दी जा रही है। सामान्य वर्ग को 25 फीसदी मार्जिन मिल रहा है। हरियाणा सरकार द्वारा पूर्व निर्धारित पशुपालक जाति, जनजातीय जनजाति श्रेणी के पशुपालकों को प्रति भैंस 80,000 रुपये का भुगतान किया जाता है। उन्हें दो या तीन भैंसों की कुल कीमत पर 50 फीसदी तक की छूट दी जाएगी।
50 दुधारू पशु स्थापित हैं
साथ ही इस योजना के तहत हाईटेक नाममात्र बैंक के माध्यम से ऋण उद्यम के माध्यम से 50 दुधारू सागर की स्थापना की गई है। इस योजना के तहत डेमोक्रेट चावल पर ब्याज का भुगतान विभाग लाभार्थी द्वारा किया जाता है। इस योजना का उद्देश्य शहरी और ग्रामीण उच्च शिक्षा वर्ग के छात्रों को शैक्षिक माध्यम और आर्थिक रूप से उपलब्ध सुविधाएं प्रदान करना है। इस योजना के तहत 15 बकरी, भेड़ और एक नर अवशेष पर 90 प्रतिशत पर 1 लाख रुपये का ऋण दिया जाता है, जबकि बेंचमार्क जाति के बच्चों को 15 बकरी, भेड़ और एक नर अवशेष पर 1 लाख रुपये का ऋण दिया जाता है।
ये दस्तावेज होने चाहिए
आप हरियाणा की वेबसाइट saralharayana.gov.in पर आसानी से ऑनलाइन फॉर्म भर सकते हैं। इसके लिए निवेशक को आधार कार्ड, परिवार पहचान पत्र, पैन कार्ड, बैंक कॉपी, छाया फोटो, स्वयं का फोटो, जाति प्रमाण पत्र के साथ सीएससी में फॉर्म भरना होगा। लाभांश विभाग का गठन कर उन्हें ऋण देता है।