आयुष्मान भारत योजना में किया जा रहा है भारी फर्जीवाड़ा, परिवार में 200 लोग! आधार नंबर 000000000000

आयुष्मान योजना :- तमिलनाडु में केंद्र सरकार की आयुष्मान भारत योजना को लेकर एक आश्चर्यजनक घटना हुई है। आयुष्मान भारत-पीएम जन आरोग्य योजना (AB-PMJAY) का लाभ उठा रहे तमिलनाडु के 1,285 लाभार्थियों का स्वास्थ्य कार्ड, आधार नंबर ‘000000000000’ से लिंक है। इतना ही नहीं, सालाना 5 लाख रुपये का इलाज मुफ्त में देने वाली इस योजना से जुड़े 43,197 लोगों ने बताया कि उनके परिवारों में 11 से 200 लोग शामिल हैं। ये बातें भारत सरकार का लेखा-जोखा रखने वाली संस्था कैग (CAG) की रिपोर्ट में उजागर हुई हैं। योजना की नोडल बॉडी राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (NHA) ने कहा कि तमिलनाडु सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने राष्ट्रीय धोखाधड़ी रोधी इकाई यानी नाफू (NAFU) को इस मामले में कार्रवाई करने में मदद की है।

आंकड़ों का विश्लेषण करने के बाद कैग ने बताया कि 43,180 लाभार्थियों ने 11 से 50 लोगों के परिवार होने का दावा किया है। ABPMJAYA के प्रदर्शन पर कैग की ऑडिट रिपोर्ट मंगलवार को संसद में पेश की गई। यह रिपोर्ट बताती है कि 12 परिवारों में 50 से 100 लोग हैं, जबकि चार परिवारों ने 100 से 200 लोग होने का दावा किया है। रिपोर्ट के अनुसार, एक परिवार ने तो अपने सदस्यों की संख्या 200 से 201 बताई है।

वेरिफिकेशन प्रणाली में कमी

कैग ने कहा, “बीआईएस डेटाबेस में एक घर में ऐसे अवास्तविक सदस्यों की मौजूदगी का दावा न केवल लाभार्थी पंजीकरण प्रक्रिया में वेरिफिकेशन सिस्टम में खामी की ओर इशारा करता है बल्कि लाभार्थी गाइडलाइंस में परिवार की स्पष्ट परिभाषा के न होने का नाजायज फायदा उठा रहे हों।एनएएचए, एबी-पीएमजेएवाई को लागू करने वाली संस्था, ने ऑडिट रिपोर्ट को स्वीकार करते हुए कहा कि राष्ट्रीय धोखाधड़ी रोधी इकाई (एनएएफयू) ने समय-समय पर राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को रिमाइंडर भेजे थे, जो वेरिफाइड डेटा में गड़बड़ियों को उजागर करते थे।

15 के बाद भी सदस्य जोड़ने का विकल्प हट सकता है

राज्य सरकारों को, ‘सार्वजनिक स्वास्थ्य’ राज्य का विषय होने के कारण, इस बारे में अंतिम निर्णय लेने का अधिकार है। एनएएच भी एक विकल्प को खत्म करने पर विचार कर रहा है जिसके जरिए कोई लाभार्थी अपने परिवार में 15 से अधिक लोगों को जोड़ सकता है। याद रखें कि परिवार में अभी 15 सदस्यों की जानकारी दी जाती है। ‘सदस्य जोड़ें’ विकल्प का उपयोग करके अधिक सदस्यों को जोड़ सकते हैं। एनएएफयू, दूसरी ओर, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को ऐसे सभी मामलों को पूरी तरह से जांच करने के लिए एक संदेश भेज रहा है, जहां परिवार का आकार सीमा से अधिक है।

BIIS प्लैटफॉर्म पर माइग्रेट करने के लिए निर्देश

NAHA ने तमिलनाडु में आधार लिंकिंग में हुई गड़बड़ियों को लेकर कहा कि राज्य लाभार्थी की पहचान करने के लिए अपना खुद का IT प्लैटफॉर्म और डेटाबेस उपयोग कर रहा है। कैग रिपोर्ट के अनुसार, एनएचए ने राज्यों से लाभार्थियों के वेरिफिकेशन प्रोटोकॉल को मजबूत करने के लिए एनएचए के आधारित बीआईएस प्लैटफॉर्म पर जाने का अनुरोध किया है।

मोबाइल नंबर पर भी शक था

आयुष्मान योजना में गड़बड़ियों की पहले भी शिकायतें आई हैं। इससे पहले, 7.5 लाख मामलों में लाभार्थियों को 9999999999 का मोबाइल नंबर बताया गया था। स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों का दावा है कि ऐसा हुआ होगा क्योंकि लाभार्थी को पहले मोबाइल नंबर देना अनिवार्य नहीं था। सूत्रों में से एक ने कहा, “हालांकि, मोबाइल नंबर भरने के लिए खाली जगह छोड़ी गई थी, इसलिए यह संभव है कि फील्ड लेवल के कर्मचारियों ने मर्जी से 10 अंकों की संख्या दर्ज की हो।””

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