UPI प्लगइन पेमेंट सिस्टम का नया आगमन, फोनपे और Google Pay का अंत, 2023 का प्लान

नई दिल्ली :- UPI देश भर में लोकप्रिय है। लेकिन अब तक फोनपे और गूगल पे जैसे भुगतान ऐप ही इसे चलाते हैं। इस मोनोपोली को दूर करने के लिए अब एक नया यूपीआई भुगतान प्रणाली दी जा रही है। नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने इस सुविधा को यूपीआई प्लगइन सिस्टम कहा है।

यूपीआई प्लगइन क्या है?

ऑनलाइन भुगतान करते समय आने वाली समस्याओं को हल करने के लिए यूपीआई प्लगइन सिस्टम लाया जा रहा है। वर्तमान में आपको भुगतान करने के लिए फोनपे या Google Pay जैसे तृतीय-पक्ष ऐप पर स्थानांतरित किया जाता है जब आप ऑनलाइन खरीदते हैं।

वहीं पेमेंट के दौरान यह अक्सर अटक जाता है। यूपीआई प्लगइन सिस्टम शुरू होने से ऑनलाइन भुगतान करने के लिए अब थर्ड पार्टी ऐप्स की आवश्यकता नहीं होगी। इसमें आप किसी भी ऑनलाइन भुगतान के लिए वर्चुअल भुगतान पते का उपयोग कर आसानी से भुगतान कर सकेंगे।

Phonepe और Google Pay में नई सुविधाओं का उद्देश्य क्या है?

इस समय, निजी कंपनियों के ऐप जैसे फोनपे और गूगल पे आदि ने ऑनलाइन भुगतान क्षेत्र पर दबाव डाला है। फोनपे ऑनलाइन यूपीआई भुगतान का 47% हिस्सा है।

वहीं, गूगल पे 33% हिस्सेदारी से दूसरे स्थान पर है। पेटीएम भी 13 प्रतिशत भुगतान करता है। ऐसे में, एक नया फीचर लाया जा रहा है ताकि एक या दो कंपनियां यूपीआई पेमेंट सेक्टर पर कब्जा नहीं कर सकें।

कस्टमर्स को क्या लाभ मिलेगा?

यूपीआई प्लगइन सिस्टम के आने से नेट फ्रॉड की संख्या कम होने की उम्मीद है। वहीं देरी से भुगतान की समस्या भी खत्म हो जाएगी। इससे वेब भुगतान तेज होगा। यूपीआई प्लगइन से अधिक यूपीआई पेमेंट होने का अनुमान है।

सरकार का क्या कार्यक्रम है?

फोनपे आज यूपीआई भुगतान का 47% हिस्सा है। जबकि गूगल पे 33% से दूसरे स्थान पर है। जबकि पेटीएम तीसरे स्थान पर 13% है। सरकार चाहती है कि यूपीआई पेमेंट सेक्टर में कुछ कंपनियों का अधिग्रहण न हो। इसके लिए सरकार ने 30% की कैप भी दी है।

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