किसानों को सिंचाई के लिए इतने कम रेट पर दी जारी है बिजली, देखे

बिजली :- किसानों को फसलों की अच्छी पैदावार के लिए सिंचाई के उपयुक्त साधन होना चाहिए, लेकिन वे किफायती भी होना चाहिए क्योंकि इससे फसल उत्पादन की लागत बढ़ जाएगी और किसानों को नुकसान होगा। किसानों को कम दरों पर बिजली देने के लिए सरकार बिजली कंपनी को बहुत सारी सब्सिडी देती है। इस कड़ी में, बिहार सरकार ने राज्य के उपभोक्ताओं को सस्ता बिजली उपलब्ध कराने के लिए 13,114 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी है।

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राज्य के किसानों को सिंचाई के लिए बिजली भारी सब्सिडी पर बिहार सरकार से मिल रही है। जिससे किसानों को प्रति हार्स पॉवर 84 रुपये बिजली मिल रही है। कृषि कार्यों के लिए सरकार किसानों को 90% तक की सब्सिडी देती है। किसानों को सरकारी और निजी नलकूप से बिजली मिल रही है, मीटर सहित और बिना मीटर के उपलब्ध कराई जा रही है।

किसानों को कितना बिजली मिलता है?

राज्य के कृषि उपभोक्ताओं को बिहार सरकार 90 प्रतिशत की सब्सिडी दे रही है। यह सब्सिडी किसानों को सीधे नहीं दी जाती, बल्कि बिजली कंपनी को दी जाती है, जो किसानों को कम दरों पर बिजली देती है। किसानों को सब्सिडी के बाद निजी नलकूपों पर मीटर रहित या मीटर सहित दोनों के लिए 84 रुपये प्रति हॉर्स पॉवर और उसका हिस्सा प्रति माह देना होता है। निजी नलकूपों पर 0.70 रुपये प्रति किलोवाट है।

वहीं, सरकारी नलकूप से सिंचाई के लिए बिजली लेने पर किसानों को पूरी तरह से सब्सिडी दी जाती है। यदि राज्य का किसान सरकारी नलकूप से सिंचाई करने के लिए मीटर कनेक्शन लेता है, तो उसे फिक्स्ड चार्ज का कोई भार नहीं लगता है। सरकारी नलकूप पर 0.65 रुपये प्रति किलोवाट है।

कृषि उपभोक्ताओं को सरकार कितनी बिजली सब्सिडी दे रही है?

निजी नलकूपों की सिंचाई के लिए बिहार बिजली नियामक आयोग BERC ने मीटर रहित बिजली के लिए 1350 रुपये प्रति एचपी और उसका भाग प्रति माह निर्धारित किया है, जिस पर बिहार सरकार 1,266 रुपये प्रति एचपी की मासिक सब्सिडी देती है। किसानों को यह बिजली 84 रुपये प्रति एचपी महीने मिलती है। किसानों को मीटर के साथ बिजली कनेक्शन लेने पर 100 रुपये अतिरिक्त मासिक चार्ज देना होगा, जिस पर सरकार 100 रुपये की सब्सिडी देती है। यानि किसानों को मीटर पर भी कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं देना होगा।

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